1,047 bytes added,
07:01, 6 जून 2020 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatBhojpuriRachna}}
<poem>
इतना आँख ना दिखावs तनि धीरे बतिआव,
नाही हमरे अइसन पइबू सहरिया में।
बानी सुघर जवान कहना मनाओ मेरी जान
रोज फजिरे नहाइले पोखरिया में ।
हईं ऐसन रसीला भाँग तीनों बेरा पीला
मजा लूटीले घुमा के दूपहरिया में ।
ऐसन तोहरो के बनाइब, रोज भँगिया छनवाइब,
बजे मजा पइबू घीव के टिकरिया में ।
नोट रुपया लेआइब तोहरे हाथ में थमाइब
जानी गिन गिन के रखिहs पेटरिया में ।
</poem>