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07:38, 7 जून 2020 {{KKGlobal}}
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<poem>
गनित भयंकर
पापा के पैना
मास्टर साहेब के डर
हिम्मत एतना
केहू से जाई लड़
बस, हालत खराब करे
गनित के सवाल
अंकगनित, बीजगनित
ज्यामिति बवाल
गनित ना माथे परे
लागेला भयंकर
हाथ जोड़ धेयान लगाईं
इयाद आवस शंकर।
</poem>