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<poem>
दुनिया लागेला दैनिक अखबार हो गइल
दिन दिन जिनिगी के दिन
समाचार हो गइल।।
कान का कहिया अवसर
मिली कि सुनी।
एगो आदमी से आदमी के
प्यार हो गइल।।
</poem>
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