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कोई नहीं सुनता / नोमान शौक़

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{{KKRachna
|रचनाकार=नोमान शौक़
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घायल शेर<br />
गरजता है ज़ोर -ज़ोर से<br />
इतना कि ख़बर हो जाती है<br />
सारे जंगल को<br />
और यक़ीन कर लिया जाता है<br />
कोई अन्याय ज़रुर जरूर हुआ है<br />
शेर के साथ<br />
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