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कोई नहीं सुनता / नोमान शौक़
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18:47, 14 सितम्बर 2008
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{{KKRachna
|रचनाकार=नोमान शौक़
}}
घायल शेर<br />
गरजता है ज़ोर
-
ज़ोर से<br />
इतना कि ख़बर हो जाती है<br />
सारे जंगल को<br />
और यक़ीन कर लिया जाता है<br />
कोई अन्याय
ज़रुर
जरूर
हुआ है<br />
शेर के साथ<br />
अनिल जनविजय
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