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भीख / नोमान शौक़
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{{KKRachna
|रचनाकार=नोमान शौक़
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किसी मन्दिर की घन्टी से<br />
डरा सहमा हुआ भगवान<br />
सलीबें भी सभी ख़ाली मिलेंगी<br />
हर तरफ़
गिरजा घरों
गिरजाघरों
में<br />
क्योंकि सब मासूम, भोले लोग<br />
गली के मोड़ पर सूली से लटके<br />
अनिल जनविजय
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