Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= इरशाद अज़ीज़ |अनुवादक= |संग्रह= मन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= इरशाद अज़ीज़
|अनुवादक=
|संग्रह= मन रो सरणाटो / इरशाद अज़ीज़
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
सूरज
घणी देर तांई
सूवतो रैवै
हुंवतो रैवै
सुपनां मांय अंधारो

थूं जद चावै
भर सकै
थारै मन मांय रंग
बाथेड़ा तो करणा पड़सी
जीते-जी
अंधारै सूं।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits