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सिर्फ ख़यालों में न रहा कर / हस्तीमल 'हस्ती'
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08:53, 17 जून 2020
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<poem>
सिर्फ
सिर्फ़
ख़यालों में न रहा कर
ख़ुद से बाहर भी निकला कर
प्यार को अपना आईना कर
जब तू कोई
कलम खरीदे
क़लम ख़रीदे
पहले उनका नाम लिखा कर
Abhishek Amber
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