गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
चिराग़ दिल का म़ुकाबिल हवा के रखते हैं / हस्तीमल 'हस्ती'
No change in size
,
09:24, 17 जून 2020
{{KKCatGhazal}}
<poem>
चिराग़ दिल का
म़ुकाबिल
मुक़ाबिल
हवा के रखते हैं
हर एक हाल में तेवर बला के रखते हैं
Abhishek Amber
Mover, Reupload, Uploader
3,998
edits