दफ़्न हज़ारों ज़ख़्म जहाँ पर दबे हुए हैं राज़ कई
दिल के भीतर वो तहखाना तहख़ाना पहले भी था आज भी है
जिस पंछी की परवाज़ों में दिल की लगन भी शामिल हो
जीवन का ये पा पुराना पहले भी था आज भी है
बदल गया है हर इक किस्साफ़ानी किस्सा फ़ानी दुनिया का लेकिन
मेरी कहानी तेरा फ़साना पहले भी था आज भी है
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