|मृत्यु=
|कृतियाँ= धूप के और क़रीब, जड़ों की आखिरी पकड़ तक, यह मेरा ही अंश है, नचनिया, नाभिनाल (सभी कविता-संग्रह), कंपनी उस्ताद, फूकन का सुथन्ना, जनवासा, अगिन तिरिया और कौआहंकनी (सभी नाटक)
|विविध=1975 में आपातकाल के दौरान अपनी कविताओं के लिए कारावास में रहे। बिहार राष्ट्रभाषा परिषद् से विशिष्ट साहित्य सेवा सम्मान, मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार से सीनियर फेलोशिप !
|जीवनी=[[रवीन्द्र भारती / परिचय]]
|अंग्रेज़ीनाम=Ravindra Bharati