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बारह बरस पीछै (विरह -गीत) / खड़ी बोली
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10:33, 18 सितम्बर 2008
ढ़ाई सौ की घड़ी बँधाई है …<br>
-भूरी भैंस का री अम्मा दूध
काढ़ि
काढ़ियो
<br>
यो
-हारे मैं खीर रँधायो री…<br>
-जितना पतीले मैं दूध घणा है<br>
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Rameshwarkamboj