{{KKRachna
|रचनाकार=हरिवंशराय बच्चन
|अनुवादक=|संग्रह=सतरंगिनी / हरिवंशराय बच्चन }}{{KKCatKavita}}{{KKAnthologyNewYear}}<poem>वर्ष नव,हर्ष नव,जीवन उत्कर्ष नव।
वर्ष नवउमंग,<br>हर्ष नवतरंग,<br>जीवन उत्कर्ष नव।<br>का नव प्रसंग।
नवल चाह,
नवल राह,
जीवन का नव प्रवाह।
नव उमंग,<br>नव तरंग,<br>जीवन का नव प्रसंग।<br> नवल चाह,<br>नवल राह,<br>जीवन का नव प्रवाह।<br> गीत नवल,<br>प्रीत नवल,<br>जीवन की रीति नवल,<br>जीवन की नीति नवल,<br>
जीवन की जीत नवल!
</poem>