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{{KKRachna
|रचनाकार=जहीर कुरैशी
|संग्रह=भीड़ में सबसे अलग / जहीर कुरैशी}}[[Category:ग़ज़ल]]<poem>
घर से निकले सुबह, शाम को घर लौटे
मीठी—मीठी थकन लिए अक्सर लौटे