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बहुप्रतीक्षित झूठ पर सब मुग्ध हैं / अंकित काव्यांश
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04:39, 3 अगस्त 2020
आज उसके गाँव में उल्लास है, रात की उस लूट पर सब मुग्ध हैं।
उल्लुओं के न्याय में दिन था
नही
नहीं
रात वाली बात को धोखा कहा।
चोर नौकर, मालकिन या न्याय था
Abhishek Amber
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