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ये जंग है जंगे आज़ादी / मख़दूम मोहिउद्दीन
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07:38, 3 अगस्त 2020
लो सुर्ख़ सवेरा आता है, आज़ादी का आज़ादी का
गुलनार<ref>
अनार का लाल सुर्ख़
फूल
की तरह चेहरे वाला
</ref> तराना गाता है, आज़ादी का आज़ादी का
देखो परचम लहराता है, आज़ादी का आज़ादी का ।
अनिल जनविजय
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