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{{KKAnooditRachna
|रचनाकार=जेम्स फ़ेंटन
|संग्रह=जेम्स फ़ेंटन चुनिंदा कविताएँ / जेम्स फ़ेंटन
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बढ़ती है जिसकी आ?बादी

क़ब्रिस्तान के पास

भीड़ करती हैं वहां अपना जीवन बसर

स्मारकों के नज़दीक

:कभी इस कदर ठंड न थी

एक पैराशूट झूलता हुआ

परियों और मृतकों की ख़ाक़ के बीच

वह नयों के लिए जगह बना देता

:लकड़ी के बिस्तरों की

बेइंतहा दरकार थी

:लोग अपने पेट्रोल की सप्लाई

बचाकर रखते किसी लीटरभर बोतल में

जिसे उनके बच्चे

समाधि-स्थल के गेट के पास बेचते होते

:शहर की उस रात पर

रॉकेट गिरे दनादन

हुए हमले

:फ़ायर ब्रिगेड ने

समय की

कर डाली नीलामी

:लोगों ने अपने पैसे

बिस्तरों के नीचे ठूंस दिए

ताकि वह उनको दे सकें

फ़ायरब्रिगेड वाले को

:झोपड़ क़स्बा नष्ट कर दिया गया

खोल दिए गए

समाधि-स्थल के द्वार

एयरपोर्ट से ज़्यादा दूर नहीं

एक विमान को गिराए जाते देखना

कई सारे विश्व समुदाय

भय से भर गए

:अगले रोज़

वो खड़े होते हैं अखाड़े की पांत में

कहने के लिए हमें बख़्स दो

:पहुंचती है जब सेना

विजय पताका लहराकर

फ़ायरब्रिगेड स्वागत करता है बाहें फैलाए

:यही है महज़

एक स्वत: स्फूर्त प्रदर्शन

उनके हक़ में

:दूसरे स्वत: स्फूर्त प्रदर्शन

जो उनके लिए होते हैं

उनको आयोजित करते हैं

विजय पताका फहराने वाले