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13:29, 11 अगस्त 2020 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कुमार विक्रम
|अनुवादक=
|संग्रह=
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<poem>
वो मेरा हाल-चाल पूछ्ना चाहते हैं
और इंतज़ार है उन्हें मेरे बीमार होने का
मेरी सेहत मानो हो कोई दीवार
मेरे और उनके बीच के संवाद का
कोई तो पूछे उनसे
बीमार वक्त में सेहत है ठीक किसका?
जो मै बैठा हूँ इंतज़ार में
कोई आये और पूछे क्या हाल है जनाब का
और नहीं ख़ुद पूछ्ना चाह रहा हाल-चाल
हाल-चाल पूछ्ने वालों का
क्या यह अलामत काफ़ी नहीं मेरे बीमार होने की?
''‘उद्भावना ‘ 2015''
</poem>