गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
बंजारानामा / नज़ीर अकबराबादी
No change in size
,
04:18, 12 अगस्त 2020
{{KKCatNazm}}
<poem>
टुक हिर्सो-
हवा
हवस
<ref>लालच</ref> को छोड़ मियां, मत देस विदेश फिरे मारा।
क़ज़्ज़ाक़<ref>डाकू</ref> अजल<ref>मौत</ref> का लूटे है, दिन रात बजाकर नक़्क़ारा।
क्या बधिया, भैंसा, बैल, शुतर<ref>ऊंट</ref> क्या गोनंे पल्ला सर भारा।
Lalit Kumar
Founder, Mover, Uploader,
प्रशासक
,
सदस्य जाँच
,
प्रबंधक
,
widget editor
21,881
edits