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13:11, 13 अगस्त 2020 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=रमेश तन्हा
|अनुवादक=
|संग्रह=तीसरा दरिया / रमेश तन्हा
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<poem>
दिल मुक़द्दर की तीरगी ने डसा
डस गई शब को तुन्द तन्हाई
ना उमीदी ने हर खुशी को डसा
दिल मुक़द्दर की तीरगी ने डसा
मौत तो मौत ज़िन्दगी ने डसा
कोई साअत न मुझको रास आई
दिल मुक़द्दर की तीरगी ने डसा
डस गई शब को तुन्द तन्हाई।
</poem>