687 bytes added,
06:29, 17 अगस्त 2020 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= सुरेन्द्र डी सोनी
|अनुवादक=
|संग्रह=मैं एक हरिण और तुम इंसान / सुरेन्द्र डी सोनी
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
पानी कैसे जा सकता है अपने रास्ते...
अच्छे पड़ोसी हो ना तुम लोग –
मंत्रीजी की कोठी का ख़्याल रखना तुम लोगों की ज़िम्मेदारी है
अपने-अपने पानी को समझाकर रखो...!
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader