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हिमशृंग / चन्द्रकुंवर बर्त्वाल
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14:45, 21 अगस्त 2020
'''कविता का एक अंश ही उपलब्ध है। शेष कविता आपके पास हो तो कृपया जोड़ दें या कविता कोश टीम को भेजें ।'''
स्वच्छ केश
रिषि
राशि
से अँजलियाँ भर कमलों से
गिरि शृंगों पर चढ़ उदयमान दिनकर का
उपस्थान करते हैं मृदु गंभीर स्वरों में
Arti Singh
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