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05:23, 24 अगस्त 2020 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=विक्रम शर्मा
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|संग्रह=
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<poem>
महज इतनी सी कोशिश है हमे मरने दिया जाए
हमारी एक ख्वाहिश है हमे मरने दिया जाए
कभी लहरो से गुज़रे थे किसी ने हाथ थामा था
कि अब उससे भी रंजिश है हमे मरने दिया जाए
ये दिल का टूटना अकसर ये फिर दिल को लगा लेना
ये सब जीने की साजिश है हमे मरने दिया जाए
तुम्हारे बिन जिये जाना हमारी जान लेता है
सो अब ये आखिरी विश है हमे मरने दिया जाए
</poem>