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गंधारी का दूध लजा दिया, चिनी चिनाई ढाहदी / प.रघुनाथ
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22:58, 26 अगस्त 2020
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<poem>
'''गन्धारी का दूध लजा दिया, चिनी चिनाई
ढाहदी
ढहादी
,'''
'''सिंहणी के गीदड़ होगे, हया शर्म की पैड़ मिटादी ।।टेक।।'''
Sandeeap Sharma
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