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सूखि गवा है सावन दउआ / भारतेन्दु मिश्र
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03:35, 27 अगस्त 2020
फिल्मी रागु सुनावै भैया
पहर-पहर गरियावै मैया
जस
करजी-
कजरी
मल्हार सब गावैं
तस
बरखा के दिन आये हैं।
</poem>
Lalit Kumar
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