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नारी (दोहे) / गरिमा सक्सेना

No change in size, 14:33, 29 अगस्त 2020
नारी के हर रूप की, महिमा बड़ी अपार।।
जिस घर में होता नहीं ,नारी का सम्मान।
देवी पूजन व्यर्थ है, व्यर्थ वहाँ सब दान।।
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