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कम्प्यूटर-रोबोट / शशिकान्त गीते
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14:52, 31 अगस्त 2020
कम्प्यूटर-रोबोट।
धरती पर
हैं
है
पाँवऔर
हम
मन
अन्तरिक्ष में खोए
रठराए हैंस्वस्थ बीज
सब
,
नव-
उपग्रह पर बोए
कहाँ समय जो ढूँढ़े कोई
अनिल जनविजय
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