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05:31, 7 सितम्बर 2020 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रमेश तन्हा
|अनुवादक=
|संग्रह=तीसरा दरिया / रमेश तन्हा
}}
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<poem>
किस के लिए है, क्यों है, ये दुनिया क्या है
खुद इस में हूँ मैं क्या, ये तमाशा क्या है
शो-केस में इस्तादा खिलौने की तरह
मै हूँ भी तो फिर मेरा, ये होना क्या है?
</poem>