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{{KKRachna
|रचनाकार=जहीर कुरैशी
|संग्रह=भीड़ में सबसे अलग / जहीर कुरैशी
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<poem>
बदनाम रहे बटमार मगर,
घर तो रखवालों ने लूटा
नैहर को लौटी डोली तो,
बेदर्द कहारों ने लूटा।
</poem>