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ज़िन्दगी के तीन दिन / शार्दुला नोगजा
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08:49, 7 सितम्बर 2020
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|रचनाकार=शार्दुला नोगजा
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दे सको तो दो प्रिये मुझे ज़िन्दगी के तीन दिन
एक दिन उल्लास का, मृदु हास का, उच्छ्वास का
सशुल्क योगदानकर्ता ५
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