Changes

दस्तकें / निदा फ़ाज़ली

221 bytes added, 13:53, 11 अक्टूबर 2020
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=निदा फ़ाज़ली
|अनुवादक=
|संग्रह=खोया हुआ सा कुछ / निदा फ़ाज़ली
}}
{{KKCatNazm}}
<poem>
दरवाज़े पर हर दस्तक का
 
जाना-पहचाना
 
चेहरा है
 
रोज़ बदलती हैं तारीखें
 
वक़्त मगर
 
यूँ ही ठहरा है
 
हर दस्तक है 'उसकी' दस्तक
 
दिल यूँ ही धोका खता है
 
जब भी
 
दरवाज़ा खुलता है
 
कोई और नज़र आ जाता है |
 
जाने वो कब तक आएगा ?
 
जिसको बरसों से आना है
 
या बस यूँ ही रस्ता तकना
 
हर जीवन का जुर्माना है |
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
16,441
edits