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आह / स्तिफ़न मलाहमे / अनिल जनविजय
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15:33, 16 अक्टूबर 2020
इन-बड़े सरोवरों में झलके उनकी अनन्त अलस छवि
जमा हुए मृत जल पर, गिरकर
तड़पें जैसे
तड़पे जैसे
कोई पशु
अपनी दीर्घ पीत किरणों को समेटे डूबता हुआ अंशु
अनिल जनविजय
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