{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=आत्मा रंजन }}<poem>'''[[आत्मा राम रंजन]]जन्म''': 18 मार्च 1971 को शिमला के निकट गाँव हरीचोटी चनारडी (धामी) में एक साधारण किसान परिवार में।
'''शिक्षा''' : एमए,एम फिल (हिन्दी साहित्य) हि॰प्र॰ विश्वविद्यालय शिमला से।
www.kavitakosh.org'''सृजन''' : देश भर की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं यथा पहल, नया ज्ञानोदय, वागर्थ, कादम्बिनी, शुक्रवार, कथादेश, बया, कथन, समकालीन भारतीय साहित्य, समावर्तन, जनपथ, प्रसंग, शिखर, आकंठ, कृतिओर, विपाशा, इरावती, पर्वतराग, रविवारी जनसत्ता, रसरंग आदि में कविताओं के अलावा कुछ कहानियाँ और समीक्षाएं आदि भी प्रकाशित। कुछ रचनाएँ संपादित संग्रहों में भी प्रकाशित । कविता संग्रह ‘पगडंडियाँ गवाह हैं’ अंतिका प्रकाशन से 2011में प्रकाशित एवं व्यापक रूप से चर्चित । देश की अनेक प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और महत्वपूर्ण आलोचना पुस्तकों में इन कविताओं पर अनेक महत्वपूर्ण आलोचक/atmaramranjan समीक्षकों के आलेख प्रकाशित। नामवर सिंह, मैनेजर पांडे से लेकर अनेक महत्वपूर्ण युवा आलोचकों ने संग्रह की इन कविताओं पर विस्तृत टिप्पणियों/आलेखों द्वारा अपना अभिमत दिया। पंजाबी व हिंदी के सुपरिचित कवि/अनुवादक अमरजीत कौंके द्वारा यह समूचा संग्रह पंजाबी में पुस्तकाकार अनूदित व प्रकाशित। अनेक कविताओं का अंग्रेज़ी, पंजाबी, उर्दू, गुजराती, मलयालम, बांग्ला, असमिया, नेपाली आदि में अनुवाद भी प्रकाशित । सुपरिचित कवि/अनुवादक मीनाक्षी एफ. पॉल द्वारा अनूदित एक कविता हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के स्नातक अंग्रेजी पाठ्यक्रम में भी शामिल।
==जन्म=='''सम्मान''' : 13 मार्च 1971 उपनाम रंजन जन्म स्थान [[हिमाचल प्रदेश]]युवा शिखर साहित्य सम्मान (शिमला) - 2010, भारत ==कृतियाँ== विविध पहल’सूत्र सम्मान (छतीसगढ़) - 2014, ‘नया ज्ञानोदय सृजनलोक युवा कविता सम्मान (चेन्नई) - 2016, ‘वागर्थ’,’विपाशा’,’सर्जक’,’इरावती’ ,पर्वत राग’,’जनसता’ओकार्ड इंडिया (दिल्ली) के साहित्य सृजन सम्मान - 2017, ‘दैनिक भास्कर’ सहित कई अन्य पत्रनवल प्रयास साहित्य भूषण सम्मान -पत्रिकाओं में कविताएं प्रकाशित। आकाशवाणी दूरदर्शन में निरंतर कविता प्रसारित होती रही हैं2018,आकाशावाणी शिमला में कई वर्षों कार्य किया। वर्तमान में हिन्दी कल्पतरु (नोएडा) के प्राध्यापक। ==निवेदन ==यदि आपके पास अन्य विवरण् उपलब्ध है तो कृपया [[कविता कोश टीम]] को भेजेंसृजन सम्मान - 2018 से सम्मानित।विविध</poem>