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<poem>
ज़मीन पे अल्लाह का इक नाम मेरे राम ।
दर्द खुद लिया दिया मुसकान मेरे राम,
ज़हान में मुहब्बते -फरमान मेरे राम।
रहमत के फ़रिश्ते रहमान मेरे राम,
'सौ बार जाऊ तुझ पर कुरबान मेरे राम।
'''दर्द खुद लिया दिया मुसकान हर करम पे रखे ईमान मेरे राम,'''तारीख़ में है आफताब नाम मेरे राम।
'''ज़हान में मुहब्बते -फरमान मेरे राम।''' '''रहमत के फ़रिश्ते रहमान मेरे राम,''' '''सौ बार जाऊ तुझ पर कुरबान मेरे राम।''' '''हर करम पे रखे ईमान मेरे राम,''' '''तारीख में है आफताब नाम मेरे राम।''' '''वतन में मुश्किलों का तूफ़ान मेरे राम, '''फिर से पुकारता है हिन्दुस्तान मेरे राम।'''</poem>