गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
अड़चनें भी खू़ब हैं तो आशिक़ी भी खू़ब है / डी. एम. मिश्र
3 bytes removed
,
08:38, 17 नवम्बर 2020
गर जवानी खू़ब है तो सादगी भी खू़ब है
इससे ज़्यादा अपने बारे में
कहूँ मैं
कहें हम
और क्या
दिल भी है दरिया हमारा, बेबसी भी खू़ब है
</poem>
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits