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ताजमहल / शंकरलाल द्विवेदी

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तृण से भी था नगण्य, जिस कारण पुजा हुआ था,
कलाकार की सहन शक्ति- 'श्रम' का प्रचार था।।
 
-24 मार्च, 1965
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