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हम-तुम एक डाल के पंछी / शंकरलाल द्विवेदी
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13:21, 24 नवम्बर 2020
अपत हुए सूखे पेड़ों की हरियाली वापस ले आएँ।
चातक से पाती लिखवा कर मेघों के घर तक हो आएँ।।
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24
२४
अगस्त,
1967
१९६७
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Rahul1735mini
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