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मकान की ऊपरी मंज़िल पर कोई नहीं रहता...
 
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'''[[घरको माथिल्लो तलामा / गुलजार / सुमन पोखरेल|यहाँ क्लिक गरेर यस कविताको नेपाली अनुवाद पढ्न सकिन्छ ।]]'''
 
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