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अपूर्ण / दीप्ति मिश्र
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04:02, 7 अक्टूबर 2008
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हे सर्वज्ञाता, सर्वव्यापी, सार्वभौम !
क्या सच में तुम सम्पूर्ण हो ?
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अनूप.भार्गव