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मैं अपने हौसले को यकीनन बचाऊँगा / ज्ञान प्रकाश विवेक
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13:44, 11 अक्टूबर 2008
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बाज़ार जा रहा कि उसको भुनाऊँगा
अब सोचता हूँ दावतें दे कर
मैँ
मैं
अब्र को
कागज़ के घर में उसको कहाँ पर बिठाऊँगा.
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द्विजेन्द्र द्विज