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बहुत पहले एक शुभाकांक्षी ने कहा था यह नाम ठीक नहीं
उसकी तनाव भरी आँखों में चिंता चिन्ता थी हँसा हंसा था मैं
एक बड़े कवि ने कहा जब देखा मैंने नाम सोचा
जैसे होती दाढ़ी के साथ
यह सब खुद ख़ुद नहीं जानतेलोग हमें बतलाते हैं
एक दिन हम खुद ख़ुद सोचने लगते हैंअपने किस नाम की भाषा हिंदू हिन्दू है और किस की किसकी सिख
दस साल हुए वाकई डरता हूँ अपने नाम से
कैसे गाया था उसने ईश्वर अल्लाह तेरो नाम ! - 1992
('समकालीन भारतीय साहित्य' पत्रिका में प्रकाशित - 1994)1992
'''लीजिए, अब इसी कविता का अँग्रेज़ी अनुवाद पढ़िए'''
It has been ten years that I do fear having this name
‘Wonder how the man sung Ishwar Allah Tero naam!
1992
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