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नई सोच से / रामकिशोर दाहिया
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13:38, 17 अप्रैल 2021
मछलियाँ हम हैं
आगी क्या! पानी का डर है !
दहरा१
दहरा
नहीं
मिले जीवन भर
डबरे रहे हमारे घर हैं
कुछ देखें तनकर
कौन तोड़ते लोग कमर हैं!
-रामकिशोर दाहिया
टिप्पणी : दहरा- पानी के भराव का गहरा गड्ढा।
-रामकिशोर दाहिया
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डा० जगदीश व्योम
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