गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
अचानक नै आयौ / सुमन पोखरेल
3 bytes added
,
03:33, 6 मई 2021
{{KKCatNepaliRachna}}
<poem>
चानक
अचानक
नै आयौ र रुवाएर गयौ
प्रेमको गाँठो बाँध्यौ र चुँडाएर गयौ
Sirjanbindu
Mover, Reupload, Uploader
10,400
edits