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कुछ वैसा ही / निकानोर पार्रा / देवेश पथ सारिया
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10:27, 27 जून 2021
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चार कमियों के लिए मेरी
ओलीफिया
ओफ़ीलिया
मुझे कभी माफ़ नहीं करेगी
उम्रदराज़
…
मेरी लाश और मेरीपरस्पर समझ बड़ी अद्भुत है
मेरी लाश पूछती है : क्या तुम ईश्वर में यक़ीन रखते हो ?
और मैं दिल खोलकर मना करता हूँ
Kumar mukul
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