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<Poem>
 नहीं मालूम कि मैं कैसे यहां यहाँ पहुंचापहुँचा :
मैं ख़ुशी से दौड़ा जा रहा था
अपनी टोपी दाएं दाएँ हाथ में पकड़े
एक चमकती तितली का पीछा करता
जिसने मुझे प्रसन्नता से पागल कर दिया था
और अचानक! मैं अटक कर अटककर गिर गया
मुझे नहीं मालूम कि बग़ीचे को क्या हुआ
बर्बाद हुआ पड़ा है यह
मेरी नाक और मुंह मुँह से ख़ून निकल रहा है
मुझे सच में नहीं मालूम कि क्या हो रहा है
मेरी मदद करो
या गोली मार दो मेरे सिर में।में ।
(अंग्रेजी अंग्रेज़ी अनुवाद: मिलर विलियम्स)
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेश पथ सारिया'''
</poem>
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