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15:18, 24 जुलाई 2021 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ओरहान वेली
|अनुवादक=देवेश पथ सारिया
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
[[Category:तुर्की भाषा]]
<poem>
हर रात तुम मेरे सपनों में आती हो
हर रात मैं तुम्हें देखता हूं साटन की सफ़ेद चादर पर
हर रात शैतान मुझे तुम्हारे पास सुला देता है
तुम्हें मालूम है क्यों?
क्योंकि हे मेरी स्त्री,
मैं अब भी तुमसे प्यार करता हूं
हालांकि तुम छोड़ चुकी हो मुझे
तुम एक बेहद विशेष औरत हो
तुम जैसी ढूंढ पाना बहुत मुश्किल है।
''मूल तुर्किश से अनुवाद: रवि कोपरा
अंग्रेज़ी से अनुवाद: देवेश पथ सारिया''
</poem>