'''उत्तर - मोरी (नाली)'''
वह आये तब शादी होय
उस बिन दूजा और न कोय
मीठे लागे बाके बोल
क्या सखी साजन नहीं सखि ढोल॥
"उत्तर - ढोल"
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यह वो पहेलियाँ हैं जिनका उत्तर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप में पहेली में दिया होता है यानि जो पहेलियाँ पहले से ही बूझी गई हों।
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