|उपनाम=
|जन्म=
|जन्मस्थान=ग्राम बासू, न्नाव, उत्तरप्रदेश
|मृत्यु=
|कृतियाँ=रीतिकालीन कवि। अपनी पहेलियों के लिए हिन्दी साहित्य में याद की जाती हैं। ज्योतिप्रसाद मिश्र ’निर्मल’ द्वारा सम्पादित ’स्त्री कविता संग्रह’ नामक पुस्तक में खगनियाँ की कई पहेलियाँ संकलित हैं।|विविध=आदिकालीन साहित्य में अगर अमीर खुसरो की पहेलियों का सरस शब्दजाल दिखाई देता है तो रीतिकाल में खगनियाँ ने अपनी क़लम का जादू दिखाया और पहेलियाँ बुझाईं। इनके जीवन के बारे में बहुत जानकारी तो नहीं मिलती, पर इनकी पहेलियों को शोधकर्ताओं ने संकलित किया है।
|जीवनी=[[खगनियाँ / परिचय]]
|अंग्रेज़ीनाम=