Changes

बासन खावै सदा समोद / खगनियाँ

425 bytes added, 23:47, 14 नवम्बर 2021
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=खगनियाँ |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=खगनियाँ
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
पहेली :

बासन खावै सदा समोद,
छोटी मोटी लाल विनोद ।
नेरे नहीं दूर में रहै,
बासू केर खगनियाँ कहै ।

उत्तर : कचौरी
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,616
edits