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और फिर तुम्हारी याद / विजय कुमार सप्पत्ति
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23:44, 16 नवम्बर 2021
अचानक ही फटा हुआ आकाश
बेहिसाब बरसती बारिश की कुछ बूंदे
और तुम्हारे जिस्म की
सोंघी
सोंधी
सुगंध
...और फिर तुम्हारी याद
Arti Singh
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