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स्त्रियों का सौन्दर्य / राबर्ट ब्लाई / अनिल जनविजय
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00:10, 26 नवम्बर 2021
<Poem>
खुली आँखों वाली
नाज़ुक
नाज़नीनें,
जब सवारी करती हैं,
छितराते हैं उनके हथियार धीमे से,
अनिल जनविजय
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